दुःख पर जँ
ध्यान देल जाय त’
पबै छी जे ई वास्तव
मे
भौतिक, शैक्षणिक,
आत्मिक
सब प्रकारक
उन्नतिक टेस्ट थिक I
जतेक व्यक्ति विश्व
मे
नाम कमेलाह सब के
कठोरतम दुःख स’
गुजर’ पड़लनि आ
तखने ओ महानतम
बनि सकलाह I
राम, कृष्ण, बुद्ध,
शंकराचार्य,
विवेकानंद...आदि जखन
दुखाग्नि मे तपलाह
तखनहिं असली
सोनाक रूप मे चमकलाह
I
“ औरों का दुःख देखा
तो
मैं अपना दुःख भूल
गया I “
रामक चौदह वर्षक
वनवास
हुनका पुरुषोत्तम
बनेलक,
कृष्ण के त’ जन्मे
कारागार मे भेल छलनि,
बच्चे स’ तते
आफत-विपत अयलनि जे
हुनका ऑल राउंडर बना
देलकनि
आ हुनका साक्षात्
भगवान
मानल गेलनि-
‘ कृष्णस्तु भगवान्
स्वयं ‘ I
भगवान बुद्ध
सबटा राजसी सुख त्यागलाह,
तैं दशावतार मे नवम्
अवतार बनलाह I
तही तरहें
शंकराचार्य
आदिगुरू कहेलाह आ
विवेकानंद शिकागो
धर्मसम्मेलन मे
एक गुलाम देश के
विश्वगुरुक
पद पर प्रतिष्टित
क’ सकलाह I
रे मन !
हुनका सबहक कष्ट के
आगू त’
तोहर कष्ट किछु नै छौ,
तखन कियैक एते अधीर
छैं,
धैर्य धर,
एक दिन बेरा
पार लगबे करतौ !!
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