Friday, March 6, 2015

फगुआ (होली)

फगुआ, वसंतोत्सव,रंगोत्सव के बहुत २ हार्दिक बधाई। अपन काज-राज मे व्यस्त व्यक्ति पावनि-तिहारक लाथे बीच-बीच मे मनोरंजन क' लैछ आ तरोताजा भ' क' नव ऊर्जाक संग पुनः अपन व्यवसाय मे जुटि जाइछ। देह के गलाब' ठिठुराब' बला जाड़ भागल। वसंतोत्सव खूब जोश स' मनबै जाउ। समशीतोष्ण मौसम सम्यकत्वक परिचायक थिक। हाड़ गलाब'बला जाड़ वा देह जरब'बला गर्मी मे ध्यान-भजन मोन स' नहि भ' पबैछ। बुद्ध के कोन ज्ञान भेटलैन ? सम्यकत्वक। कतबो उपास केला, शान्ति कहाँ भेटलैन। उल्टे भूख परेसान क' देलकैन।
                                                                      अबै जाउ, जतेक बुराइ अछि सब के होलिका संगे भस्म करै छी।जारनि के बदला मे गाम-घर के गंदगी-कचरा के जरबैत छी। आपस मे प्रेम के रंगक वर्षा करै छी। जाति-सम्प्रदाय के बिसरा क' एक-दोसरा के गला लगबै छी। होलिका-दुर्बुद्धि के जराऊ; हिरण्यकशिपु-अहंकार के नृसिंह-ज्ञान स' नाश करै जाउ। प्रह्लाद-भक्ति, विश्वास के रक्षा करै जाउ।

    

1 comment:

  1. आपका blog अच्छा है। मै भी Social Work करती हूं।
    अनार शब्द सुनते ही एक कहावत स्मरण हो आता है-‘एक अनार, सौ बीमार।' चौंकिए मत, अनार बीमारियों का घर नहीं है, बल्कि यह तो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे उपचार और अन्य आयुर्वेदा के टीप्स पढ़ने के लिए यहां पर Click करें और पसंद आये तो इसे जरूर Share करें ताकि अधिक से अधिक लोग इसका फायदा उठा सकें। अनार से उपचार

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