Friday, January 30, 2015

साउस-पुतहु के अजीब झगड़ा

साउस-पुतहु के झगड़ा प्राचीन काल स' सुनै छी। मुदा आइ हम एक टा अलग क़िस्म के साउस-पुतहु स' भेट करबै छी। भोरे स' तू-तू ,मै-मै सुरू होइछ त' राइत मे सूत' कालतक चलैछ। टोला- पडोसा के स्त्री-पुरुष परेशान। साउस अन्हरोखे मे पैर दाबि क' झाड़ू-पोछा लगा लैछ जे पुतहु ने बुझि जै। उठिते देरी पुतहु अहि बात ल' क' हल्ला मचा दैछ। उमहर बुढ़िया बाथ रूम  जहां पैसल कि पुतहु बरतन बासन, चौका चुल्हा जल्दी क' क' तैयार।इमहर बुढ़िया चिचिएनाइ शुरू करैछ। उमहर बुढ़िया के आँखि जहां मुनेलै कि पुतहु आहिस्ते आहिस्ते पूरा देह मे तेल मालिश क' दैछ आ बुढ़िया बुझबो नहि करैछ। निंद टुटलाक बाद फेर ओहिना शोर। मोहल्ला बला जुटैछ आ मुसका क' चोट्टे आपस भ' जाइछ। अहि साउस-पुतहु के झगड़ा गाम मे नामी भ' गेल अछि आ सब साउस एहने झगड़ालू पुतहु के कामना करैछ। काश! एहने झगड़ालू साउस पुतहु सौंसे भ' जइतथि  त' बेटी स' बेसी पुतहु संगे साउस  रहबाक इच्छा करितथि । 
     

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