Sunday, April 13, 2014

मैथिलानी

"युग युग जिबथु बसथु लाख कोस, हमर अभाग हुनक नहि दोस". पति-पर्मेश्वर मात्र मैथिलानी टा सही माने मे मानैत आ जिबैत छथि. हुनका अलग स' किछु नहि क'र' पडैत छनि; पति सेवा स' हुनका सब धर्म'क प्राप्ति भ' जाइत छनि. मैथिलानिक आदर्श मा सीता छथि. सीताक जिनगी के देखला स' बुझाइछ जे ओ सबदिन दुखे मे  जीली. मुदा यदि एकर सकारात्मक पक्ष सोची त' पायब जे शीर्ष पद पर आसीन होमक लेल दुख भोग' पडैछ. ज' ओ दुख नहि भोगितथि, राम'क संग बोन नहि जैतथि, नैहर चलि जैतथि आ सामान्य नारी सदृश आचरण करितथि त' की आइ ओ मातृ पद पर आसीन भ' सकितथि ? कदापि नहि, हुनका आन महिला सदृश लोक याद नहि रखैत, विसरि जाइत.
इतिहास गवाह अछि, जे दुख नहि ग्रहन केलक, सुखे मे डूबि गेल; विसरा देल गेल. दुनिया ओकरे याद राखैछ जे अपन सुख त्यागि समाज'क लेल दुख सहैछ. राज-पाट त्यागि बुद्ध सत्य के खोज मे निकलि जाइत छथि. राम राजसी भोग त्यागि दुर्दान्त राक्षस सभक विनाश लेल चौदह बर्ख बनबास ग्रहन करैत छथि. गान्धी बैरिष्ट्री त्यागि बिष्ठी ग्रहन करैत छथि. जवाहर गोल्डेन स्पून छोडि  आजादीक आन्दोलन मे कूदि जाइत छथि. राजेन्द्र प्रसाद ब्रिलिएन्ट करिअर त्यागि जेल स्विकार करैत छथि.      

No comments:

Post a Comment