Thursday, December 19, 2024

जे क्यो आदर देथि अहाँके ।

जे क्यो आदर देथि अहाँके अहूँ तनिक सनमान करू । क्षणिक स्वार्थपूर्तिक लेल कहियो, जुनि हुनकर अपमान करू ।। खरचू एक हजार तनिक लेल, ख़र्चल जे एक पाइ अहाँलेल । सेवा जे क्यो कएल कनेकबो, जानक मोह ने हो तिनकालेल ।। यद्यपि निर्धन, अबल, निरक्षर, स्नेहक वर्षण कएल अहाँपर । मूल्य अहाँकेर बुझलनि जे क्यो, तिनका हित सर्वस्व निछावर ।। **************************

No comments:

Post a Comment