Sunday, December 29, 2024

जे किछु अपना नीक लगै अछि ।

"जे किछु अपना नीक लगै अछि,
अनकोलेल परोसू ।
जे नै नीक लगै अछि अपना 
अनका परसब रोकू ।।
आमक तरुसँ झरकबाहि,
जे गाछ बबूरक रोपता ।
जिनगीभरि काँटे बिच रहता 
आमकलेल तरसता!!!"

Thursday, December 19, 2024

जे क्यो आदर देथि अहाँके ।

जे क्यो आदर देथि अहाँके अहूँ तनिक सनमान करू । क्षणिक स्वार्थपूर्तिक लेल कहियो, जुनि हुनकर अपमान करू ।। खरचू एक हजार तनिक लेल, ख़र्चल जे एक पाइ अहाँलेल । सेवा जे क्यो कएल कनेकबो, जानक मोह ने हो तिनकालेल ।। यद्यपि निर्धन, अबल, निरक्षर, स्नेहक वर्षण कएल अहाँपर । मूल्य अहाँकेर बुझलनि जे क्यो, तिनका हित सर्वस्व निछावर ।। **************************

जे किछु अपना नीक लगै अछि ।

"जे किछु अपना नीक लगै अछि, अनको से सब परसू । जे नै नीक लगै अछि अपना, अनका जुनि से परसू ।। आमक तरुसँ झरकबाहि, जे गाछ बबूर लगयता, जिनगीभरि काँटे बिच रहता, आमकलेल तरसता!!!" ***************************

अपनापर बिसबास करू

अपनापर बिसबास करू, जुनि भागू देखि समस्याके । ईशक ध्यान धरू निसदिन, जुनि छोड़ू अपन तपस्याके ।। जुनि ताकू अनका दिस कहिओ, जे सदिखन आबि मदति करता । हँ, दोस्त एहन ताकू निश्चय, जे सभतरि संग सतति रहता ।। **************************