---------------------
गाम अबैत देरी मोन
उत्फुल्ल भ’ उठैछ I बाल्यकालक संस्मरण मोन के जीवन्त क’ दैछ I दरबज्जा परहक बाबा
पोखरि मे आ चौपारि परहक खबासक पोखरि मे घंटों हेलबाक आनंद एखनहुँ मोन मे ओहिना
रचल-बसल अछि I दुनू पोखरि आ ककरियाहीक खत्ता मे जखन उजाहि उठैत छलैक तँ सगर गामक
आबालवृद्ध माछ मारक लेल धमगज्जर केने रहैत छलाह I जूरसितलक सुअवसर पर ख़बासक पोखरि
मे दुनू टोलक लोक पैसि एक-दोसरा पर जल फेकि जावत्काल तक हरदा नै बजबा लैत छलाह
तावत्काल तक जान नहिं छोड़ैत छलाह I फेर जल सँ निकलि दुनू टोलक युवा लोकनिक बीच
कुस्ती-कुस्ती होइत छल I बच्चा सबहक लेल ई अत्यधिक रोमांचक होइत छल I असली प्रतियोगिता
जेकाँ बुझाइत छल I जल-प्रतियोगिता मे आँखि लाल-लाल भ’ जाइत छल I
कलम-गाछीक
टाइल-पुल्ली, कबडी-कबडी, बुढ़िया-कबडी, चुनौती-कबडीक आनन्द वर्णनातीत अछि I पठशल्लाक
फिल्ड मे साँझखनक गेंदक खेल नामी छल I बेसीकाल इलाका भरिक गामक फुटबॉल टीम
टुर्नामेंट मे भाग लैत छल I ताहि समयक रोमान्च एखनो रोमांचित करैछ I नबाहक नौ दिनक
रामधुन मे सम्पूर्ण गाम राममय रहैत छल I ब्रह्म आ डिहबार पूजाक अवसर पर सम्पूर्ण
गाम आह्लादित रहैत छल I दुर्गापूजा तँ हमरा सबके अति विशेष उत्साह दैत छल I दसो
दिन-राति हमसब पठशल्ले पर बितबैत छलहुँ I पूजाक आनंदक संग-संग गुरुजीक अमृतोपम
सान्निध्य पाबि कृत-कृत्य रहैत छलहुँ I --------- kkjha