मोनक अभिलाषा मोनहि रहि गेल
पूर एको मनोरत ने भेल।
बच्चे स' देखै छलिऐ सबहक घरबाला के
टमटम स' अबै छलै।
दस बीस टा पेटी बक्सा, मोटा चोटा संग
कोइलाक बोरा ल' क' अबै छलै।
अहाँ एकटा ब्रिफकेस नेने
टनटनायल अबै छी।
अनकर घरबला डिगडिगिया दैत अबै छलै पठशल्ले स' हल्ला होम' लगै छलै।
बच्चा, बूढ़, स्त्रीगण सब
अंगना मे करमान लगै छलै।
अहाँ अबै छी चुप चाप
बिना ककरो बुझौने
साँझक अन्हार मे
कियो बुझी ने जै
कहै छी सरप्राइज देलहुँ।
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