Monday, April 29, 2024

शान्त राखल करू चित ।

शांत राखल करू चित, निर्णय ने धड़फड़ मे करू । जोड़ सँ चिचियाउ नहिं, किछुओ ने हड़बड़ मे करू ।। किछुओ ने हड़बड़ मे करू, हल्ला सतत काजे बिगाड़त । धरू चुप्पी काज सम्हरत, स्वास्थ्य के से'हो सुधारत ।। दुख अहींके पड़त भोग', चित्त जँ नै शांत राखल । सुख सेहो भेटत अहीं के, चित्त के जँ शांत राखल ।। ***********************

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