Kamalji
Sunday, November 10, 2024
ईशसँ अछि प्रार्थना ।
ईशसँ अछि प्रार्थना
एतबा कृपा सदिखन करब ।
रहय ने दुखिया कियो आ
दुख सभक सदिखन हरब ।।
कष्ट किनको कनिकबो
नै होन्हि हमरा कारने ।
भले हमरा देथु कतबो
कष्ट ओ बिनु कारने ।।
एहन दिन हमरा दिय'
सभदिन करी उपकार अनकर ।
भले क्यो ऐ लोकके
सदिखन करथु अपकार हम्मर ।।
हएत जीवन सफल, जँ क्यो-
सुखी हमरा कारने ।
दोसर मुख मुस्कान आयत
जखन हमरा कारने ।।
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Monday, July 15, 2024
माया बनाम ज्ञान
"जे कियो मायाक पाछाँ
रहत लागल,
होइछ नै तकरासँ नमहर
कियो पागल ।
आइ तक नै कियो ओकरा
पकड़ि सकला,
महा अज्ञानी थिका
से नर अभागल ।।
जे कियो पग सूर्य दिस
प्रारंभ करता,
रहत लागल तनिक पाछाँ
छाँह हुनकर ।
होउ सब जिज्ञासु उन्मुख
ज्ञान रवि दिस,
स्वयं सुख-समृद्धि
पाछाँ रहत तिनकर ।।"
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Wednesday, July 10, 2024
नारि
"सहस्रों पुष्प मिलिजुलिक' सुधर माला बनाबै छथि,
सहस्रों दीप मिलिक' आरतिक थारी सजाबै छथि ।
अनंतों बूँद मिलिजुलिक' करथि निर्माण सरिता के,
मुदा एसगरि सुशीला स्वर्ग सम घर के बनाबै छथि ।।
भले सम्पन्नता सुख-शान्तिमय परिवार किनको छन्हि,
भले साक्षर नीरुज बलबान सब लक्षण विकासक छन्हि ।
मुदा जँ नारिके सम्मान नै ओइ गेहमे होइ छन्हि,
तँ नर्के सदृश बूझू गेह से पहरा विनाशक छन्हि ।।"
Wednesday, July 3, 2024
आत्म दर्शन
ताकै छी मस्जिद गुरुद्वारा
मंदिर चर्चो आ जगभरिमे ।
अनगिन जीवक दिस ध्यान दियौ,
भ' जायत दर्शन क्षणभरिमे ।।
घिरनासँ घिरने भेटै छै,
सेवासँ मेवा प्राप्त करब ।
जँ दया प्रेम बिलहब सगरो,
सबहक हिरदयमे बास करब ।।
सेवो नै पूजा हो सबहक,
शिवरूप बूझि सबके अइठाँ ।
एक्के ईश्वर सबहक उरमे,
तँ आन कियो नै अछि अइठाँ ।।
जँ पूजो नै क' सकय कियो,
चुपचाप स्वयंमे पैस जाउ ।
चितके थिर क' इंद्रिय समेटि,
भए मौन हृदयमे बैस जाउ ।।
Thursday, May 9, 2024
औंठी
बात बहुत पुरान थीक । सिंदरीमे अभियांत्रिकीक द्वितीय बर्खक छात्र छलहुँ । गर्मी छुट्टीमे गाम आयल छलहुँ । श्रद्धेय स्व0 परम भैया सेहो मोतिहारीसँ गाम आयल छलाह ।
Monday, April 29, 2024
शान्त राखल करू चित ।
शांत राखल करू चित,
निर्णय ने धड़फड़ मे करू ।
जोड़ सँ चिचियाउ नहिं,
किछुओ ने हड़बड़ मे करू ।।
किछुओ ने हड़बड़ मे करू,
हल्ला सतत काजे बिगाड़त ।
धरू चुप्पी काज सम्हरत,
स्वास्थ्य के से'हो सुधारत ।।
दुख अहींके पड़त भोग',
चित्त जँ नै शांत राखल ।
सुख सेहो भेटत अहीं के,
चित्त के जँ शांत राखल ।।
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Saturday, April 20, 2024
प्रारब्ध
होइछ सबसँ नीक हमरालेल जे किछु,
ईशके छन्हि पता सबटा बात से ।
तखन जँ क्यो मँगै छी हुनका सँ किछुओ,
करै छी व्यवधान हुनका काजमे ।।
करी सबटा काज जे प्रारब्ध अछि,
मानिक' आदेश चुप्पे-चाप हुनकर ।
मुदित सदिखन रही अपना हालपर,
यएह सबसँ पैघ पूजा हएत हुनकर ।।
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होइछ सबसँ नीक हमरालेल जे किछु,
ईशके छन्हि पता सबटा बात से ।
तखन जँ क्यो मँगै छी हुनका सँ किछुओ,
करै छी व्यवधान हुनका काजमे ।।
करी सबटा काज जे प्रारब्ध अछि,
मानिक' आदेश चुप्पे-चाप हुनकर ।
मुदित सदिखन रही अपना हालपर,
यएह सबसँ पैघ पूजा हएत हुनकर ।।
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